जो दूसरों की जीत को देखकर,
घुटन महसूस करता है ;
जो दूसरों की कामयाबी से डरता है ;
वही कायर होता है ।
जो दूसरों की खुशी में खुश, दुख में दुखी ;
जो मुश्किल वक़्त में उनका साथ देता है ;
जो उनकी तररक्की के लिए दुआ करता है;
जिसके दिल में सिर्फ दूसरों के लिए प्यार हो ;
जिसके दिल में नफरत की कोई जगह न हो;
जिसके ज़ुबान पर लोगों के लिए मोहब्बत का ज़िक्र हो ,
और रूह में बस इंसानियत की चाहत ;
उनको ही इंसान, कहते हैं ।
जो ज़िंदगी से लड़के , इससे सीखना जानते हो ,
ज़िंदगी भी उन्हें , खुशी के मौके देती है ।
जो ज़िंदगी से नाराज़ कम ,
और इसके शुक्र-गुज़ार ज्यादा होते हैं ;
वही लोग खुदा के सबसे खास होते हैं ।
जो हमेशा सच्चाई की राह पे चलते हैं;
जो मदत लेने के बजाए ,
लोगों की मदत करना पसंद करते हैं ;
और जो ईमानदारी निभाते हैं ;
उन्ही को ईमानदार इंसान कहते हैं ।
यह ज़िंदगी है,
गिरके उठना , उठके फिर से गिरना;
हार-जीत के चक्र से गुजरना ;
यह सब ज़िंदगी के कानून हैं ।
अगर लड़ना है;
तो खुद से लड़ो ।
कामयाब होना है ;
तो खुदसे मुक़ाबला करो, लोगों से नहीं ।
और अगर नाम कमाना है ,
तो अच्छे कर्मों से कमाओ ।
क्योंकि सबको एक न एक दिन ,
इसी मिट्टी में ;
और इसी मिट्टी की धूल में ही , मिल जाना है ।
जब इस रूह से खुदा सवाल करेगा ;
तब , तुम्हारी कामयाबी , हार-जीत के बारे में ,
तुम से कोई नहीं पूछनेवाला!
क्योंकि तब , तुम्हारे कर्मों का हिसाब होगा ।
इसीलिए अगर डरना है ,
तो बस अपने बुरे कर्मों से डरो ।
और, अगर हो सके तो सामने से वार करो !
क्योंकि , पीठ पीछे से वार करना तो ;
कायरों का, काम होता है ।
Copyright Shaheen Akhtar
Edited by : Abhishek Bagra.